Dil Aur Dimag Ke Beech Taalmel (Original recording - voice of Sirshree)-logo

Dil Aur Dimag Ke Beech Taalmel (Original recording - voice of Sirshree)

Sirshree

दिल और दिमाग का सही उपयोग इंसान के दिल और दिमाग में अकसर घमासान युद्ध चलता रहता है। इसका कारण है, इन दोनों में ताल-मेल की कमी। जिस कारण जीवन में फैसले लेते समय या रिश्ते निभाते वक्त दिल और दिमाग दुविधा की स्थिति उत्पन्न करते रहते हैं क्योंकि दिल अपना तर्क देता है और दिमाग अपना। दोनों के तर्क-वितर्क में किसकी सुनें? किसके निर्णय को अमल में लाएँ? किसकी जीत हो? ये बड़े पेचीदा प्रश्न हैं। यह पुस्तक आपको दिल और दिमाग की कश्मकश मिटाकर, उन्हें तालमेल के एक धागे में पिरोने की प्रेरणा देती है। इतना ही नहीं बल्कि कौन से समय पर दिमाग की सुनें, कहाँ दिल की और कहाँ दोनों के मेल से निर्णय लें, यह चुनाव करना आपके लिए सहज होगा। इस पुस्तक में दिए गए सात कदमों को जीवन में उतारकर, आप अपने दिमाग की मज़बूरी मिटाकर दिल को राज़ी कर पाएँगे। वे सात कदम इस प्रकार हैं- 1. जुबान के शब्द और दिमाग के विचारों के बीच तालमेल बिठाएँ 2. धीरज के धनवान बनकर हर घटना को पूरा देखें 3. नाभी (अपने अंदर के बच्चे) से जुड़ें ताकि हृदय से जुड़ पाएँ 4. हर घटना में उठनेवाली भावनाओं को तटस्थ होकर सही ढंग से समझें और उनका स्वीकार कर आगे बढ़ें 5. पुराने दायरे से बाहर आकर सोचें यानी ‘आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग’ करने की कला सीखें 6. बेहोशी में डालनेवाले लोगों से न जुड़ें ताकि होश में रह पाएँ। 7. अपने होने के बोध से जुड़कर हृदय की पूर्णता प्राप्त करें। Author - Sirshree. Narrator - Sirshree. Published Date - Saturday, 14 January 2023. Copyright - © 2020 Tejgyan Global Foundation ©.

Location:

United States

Description:

दिल और दिमाग का सही उपयोग इंसान के दिल और दिमाग में अकसर घमासान युद्ध चलता रहता है। इसका कारण है, इन दोनों में ताल-मेल की कमी। जिस कारण जीवन में फैसले लेते समय या रिश्ते निभाते वक्त दिल और दिमाग दुविधा की स्थिति उत्पन्न करते रहते हैं क्योंकि दिल अपना तर्क देता है और दिमाग अपना। दोनों के तर्क-वितर्क में किसकी सुनें? किसके निर्णय को अमल में लाएँ? किसकी जीत हो? ये बड़े पेचीदा प्रश्न हैं। यह पुस्तक आपको दिल और दिमाग की कश्मकश मिटाकर, उन्हें तालमेल के एक धागे में पिरोने की प्रेरणा देती है। इतना ही नहीं बल्कि कौन से समय पर दिमाग की सुनें, कहाँ दिल की और कहाँ दोनों के मेल से निर्णय लें, यह चुनाव करना आपके लिए सहज होगा। इस पुस्तक में दिए गए सात कदमों को जीवन में उतारकर, आप अपने दिमाग की मज़बूरी मिटाकर दिल को राज़ी कर पाएँगे। वे सात कदम इस प्रकार हैं- 1. जुबान के शब्द और दिमाग के विचारों के बीच तालमेल बिठाएँ 2. धीरज के धनवान बनकर हर घटना को पूरा देखें 3. नाभी (अपने अंदर के बच्चे) से जुड़ें ताकि हृदय से जुड़ पाएँ 4. हर घटना में उठनेवाली भावनाओं को तटस्थ होकर सही ढंग से समझें और उनका स्वीकार कर आगे बढ़ें 5. पुराने दायरे से बाहर आकर सोचें यानी ‘आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग’ करने की कला सीखें 6. बेहोशी में डालनेवाले लोगों से न जुड़ें ताकि होश में रह पाएँ। 7. अपने होने के बोध से जुड़कर हृदय की पूर्णता प्राप्त करें। Author - Sirshree. Narrator - Sirshree. Published Date - Saturday, 14 January 2023. Copyright - © 2020 Tejgyan Global Foundation ©.

Language:

Hindi


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Duration:00:00:18

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