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Spiritual Parenting Khush Parivaar Rahasya (Hindi)

A Happy Thoughts Initiative

स्पिरिचुअल पेरेंटिंग - Khush Parivaar Rahasya तितलियों के नाज़ुक पंख टूटे नहीं हम सभी ने बचपन में कुछ सपने देखे होंगे। वैसे ही हमारे बच्चे भी देख रहे हैं। वे सपनों की दुनिया में तितलियाँ स्वरूप हैं। रंग-बिरंगी सपनों की तितलियों के नाज़ुक पंख कभी न टूटे, इसका खयाल माता-पिता को ही रखना होता है। बच्चों की जगमगाती आँखें, जिनमें जिज्ञासा भरी हुई है, कहीं हमारी किसी प्रतिक्रिया के कारण उनमें अंधेरा न भर जाए। इन तितलियों को खेलने दें, घूमने दें, नाचने दें और उड़ान भरने दें। इस दुनिया के अलग-अलग रंगीन फूलों से उन्हें शहद इकठ्ठा करने दें। उनके पैरों को बाँधकर न रखें वरना हमारा ही निःस्वार्थ सपना टूट सकता है। हमारे बच्चे तितली की तरह नाज़ुक हैं, वे कर्कश आवाज़ से डर सकते हैं, उन्हें प्यार से सँभालें। कभी-कभी माता-पिता अपने बच्चों से कुछ उम्मीदें रखते हैं, जिन्हें पूरा करने में बच्चों पर एक तरह का दबाव पड़ता है। जिस कारण बच्चे मुरझा जाते हैं। इसीलिए पहले बच्चों को समझें, फिर समझाने की ओर मूड़े। इसके अतिरिक्त इसमें पढ़ें- * बच्चों को कैसे संस्कार दें? * बच्चों को खेल-खेल में प्रशिक्षण कैसे दें? * बच्चों में कौन से बीज डालें? * बच्चों की चिंता करने के बजाय उन्हें सकारात्मक तरंगें कैसे भेजें? * बच्चों को सही मार्गदर्शन कैसे दें? * बच्चे महत्वपूर्ण निर्णय लेना कैसे सीखेंं? पेरेंटिंग एक सतत चलनेवाली प्रोसेस है। इसे केवल कार्य करके निपटाना नहीं है बल्कि हौले-हौले प्रेम से अंजाम देना है। तो आइए, साथ हो लेते हैं इस अनवरत प्रक्रिया में… Duration - 4h 50m. Author - A Happy Thoughts Initiative. Narrator - Vrushali Patvardhan. Published Date - Friday, 10 January 2025.

Location:

United States

Description:

स्पिरिचुअल पेरेंटिंग - Khush Parivaar Rahasya तितलियों के नाज़ुक पंख टूटे नहीं हम सभी ने बचपन में कुछ सपने देखे होंगे। वैसे ही हमारे बच्चे भी देख रहे हैं। वे सपनों की दुनिया में तितलियाँ स्वरूप हैं। रंग-बिरंगी सपनों की तितलियों के नाज़ुक पंख कभी न टूटे, इसका खयाल माता-पिता को ही रखना होता है। बच्चों की जगमगाती आँखें, जिनमें जिज्ञासा भरी हुई है, कहीं हमारी किसी प्रतिक्रिया के कारण उनमें अंधेरा न भर जाए। इन तितलियों को खेलने दें, घूमने दें, नाचने दें और उड़ान भरने दें। इस दुनिया के अलग-अलग रंगीन फूलों से उन्हें शहद इकठ्ठा करने दें। उनके पैरों को बाँधकर न रखें वरना हमारा ही निःस्वार्थ सपना टूट सकता है। हमारे बच्चे तितली की तरह नाज़ुक हैं, वे कर्कश आवाज़ से डर सकते हैं, उन्हें प्यार से सँभालें। कभी-कभी माता-पिता अपने बच्चों से कुछ उम्मीदें रखते हैं, जिन्हें पूरा करने में बच्चों पर एक तरह का दबाव पड़ता है। जिस कारण बच्चे मुरझा जाते हैं। इसीलिए पहले बच्चों को समझें, फिर समझाने की ओर मूड़े। इसके अतिरिक्त इसमें पढ़ें- * बच्चों को कैसे संस्कार दें? * बच्चों को खेल-खेल में प्रशिक्षण कैसे दें? * बच्चों में कौन से बीज डालें? * बच्चों की चिंता करने के बजाय उन्हें सकारात्मक तरंगें कैसे भेजें? * बच्चों को सही मार्गदर्शन कैसे दें? * बच्चे महत्वपूर्ण निर्णय लेना कैसे सीखेंं? पेरेंटिंग एक सतत चलनेवाली प्रोसेस है। इसे केवल कार्य करके निपटाना नहीं है बल्कि हौले-हौले प्रेम से अंजाम देना है। तो आइए, साथ हो लेते हैं इस अनवरत प्रक्रिया में… Duration - 4h 50m. Author - A Happy Thoughts Initiative. Narrator - Vrushali Patvardhan. Published Date - Friday, 10 January 2025.

Language:

Hindi


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