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Paisa Raasta Hai, Manjil Nahi (Hindi)

A Happy Thoughts Initiative

समृद्धि का रहस्य समृद्धि का रहस्य आप क्या मानते हैं… * पैसा कमाना कठिन है या आसान है। * ज़्यादा कमानेवाले अमीर होते हैं या पैसा बचानेवाले अमीर होते हैं। * हाथ में खुजली होने से पैसा मिलता है या हाथों के कर्म से पैसा आता है। * जिसे ज्यादा पैसा होगा, वह कम आध्यात्मिक होगा या जिसे कम पैसा होगा वह अधिक आध्यात्मिक होगा। * पैसा शैतान है या भगवान है। * पैसा हाथ का मैल है या हाथ की शोभा है। * पैसा लेकर लोग वापस नहीं करते हैं या जितना देते हैं उतना बढ़ता है। * पैसा, आनंद, समय इत्यादि कम है, बाँट नहीं सकते या सब कुछ भरपूर है। * पैसा आते ही दोस्त दुश्मन बन जाते हैं या दोस्त बढ़ जाते हैं। * ज़्यादा पैसा ज़्यादा समस्या या ज़्यादा पैसा ज़्यादा सुविधा। * पैसे से हम सब कुछ खरीद सकते हैं या पैसे से प्रेम और खुशी नहीं खरीदी जा सकती। पैसे की मान्यताओं को अपने अंदर टटोलने के बाद यह समझें कि जितनी गलत मान्यताएँ आपके भीतर होंगी, समृद्धि आपसे उतनी ही दूर होगी। जो लोग समृद्धि पाना चाहते हैं, वे कभी पैसों के मामले में लापरवाही नहीं बरतते। वे पैसे की समस्या का यह सूत्र जानते हैपैसे की समस्या = लापरवाही + सुस्ती + गलत आदतें – समझ आप इस सूत्र को प्रस्तुत पुस्तक में और गहराई से समझ पाएँगे। पैसे की संपूर्ण समझ प्रदान करनेवाली इस पुस्तक का अवश्य लाभ लें।… रुका हुआ पैसा उसी तरह बन जाता है जैसे रुका हुआ पानी। ऐसे पानी से दुर्गंध आने लगती है। Duration - 3h 42m. Author - A Happy Thoughts Initiative. Narrator - Leena Bhandari. Published Date - Friday, 10 January 2025.

Location:

United States

Description:

समृद्धि का रहस्य समृद्धि का रहस्य आप क्या मानते हैं… * पैसा कमाना कठिन है या आसान है। * ज़्यादा कमानेवाले अमीर होते हैं या पैसा बचानेवाले अमीर होते हैं। * हाथ में खुजली होने से पैसा मिलता है या हाथों के कर्म से पैसा आता है। * जिसे ज्यादा पैसा होगा, वह कम आध्यात्मिक होगा या जिसे कम पैसा होगा वह अधिक आध्यात्मिक होगा। * पैसा शैतान है या भगवान है। * पैसा हाथ का मैल है या हाथ की शोभा है। * पैसा लेकर लोग वापस नहीं करते हैं या जितना देते हैं उतना बढ़ता है। * पैसा, आनंद, समय इत्यादि कम है, बाँट नहीं सकते या सब कुछ भरपूर है। * पैसा आते ही दोस्त दुश्मन बन जाते हैं या दोस्त बढ़ जाते हैं। * ज़्यादा पैसा ज़्यादा समस्या या ज़्यादा पैसा ज़्यादा सुविधा। * पैसे से हम सब कुछ खरीद सकते हैं या पैसे से प्रेम और खुशी नहीं खरीदी जा सकती। पैसे की मान्यताओं को अपने अंदर टटोलने के बाद यह समझें कि जितनी गलत मान्यताएँ आपके भीतर होंगी, समृद्धि आपसे उतनी ही दूर होगी। जो लोग समृद्धि पाना चाहते हैं, वे कभी पैसों के मामले में लापरवाही नहीं बरतते। वे पैसे की समस्या का यह सूत्र जानते हैपैसे की समस्या = लापरवाही + सुस्ती + गलत आदतें – समझ आप इस सूत्र को प्रस्तुत पुस्तक में और गहराई से समझ पाएँगे। पैसे की संपूर्ण समझ प्रदान करनेवाली इस पुस्तक का अवश्य लाभ लें।… रुका हुआ पैसा उसी तरह बन जाता है जैसे रुका हुआ पानी। ऐसे पानी से दुर्गंध आने लगती है। Duration - 3h 42m. Author - A Happy Thoughts Initiative. Narrator - Leena Bhandari. Published Date - Friday, 10 January 2025.

Language:

Hindi


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