The Miracle of Gratitude (Hindi)
Sirshree
The Glory of Thankfulness
जहाँ कृतज्ञता होती है,
वहाँ प्रकृति की महिमा खिल उठती है…
किसी के प्रति आभार प्रकट करने के लिए हम धन्यवाद, शुक्रिया, थैंक्यू, आभार आदि शब्दों का प्रयोग करते हैं। दरअसल ‘धन्यवाद’ यह शब्द एक छोटी सी चुंबकीय प्रार्थना है। जिसे अलग-अलग भाषाओं में, अलग-अलग तरह से कहा जाता है। धन्यवाद कहते ही कुदरत की सुंदरता और उसकी शक्तियाँ हमारे आस-पास जीवित हो जाती हैं। हमें कुदरत के अद्भुत चमत्कारों को देखने का अवसर मिलता है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या कुदरत को सभी भाषाओं का ज्ञान है? अगर वह भाषा ही सुन रही होती तो क्या होता? कैसे सभी का हिसाब-किताब रखती? मगर ऐसा नहीं है! कुदरत भाषा नहीं, भाव तरंग समझती है।
कुदरत में आपके द्वारा कहे गए शब्द नहीं, आपकी भावना पहुँचती है और वह कार्य करती है। जैसे- जब आपको कोई चीज़ जो आप चाहते थे, वह मिल जाती है तो उसके लिए आप धन्यवाद कहते हैं यानी आप ‘है’ की फीलिंग में हैं। इसी प्रकार जो चीज़ आपके पास नहीं है और आप उसे पाना चाहते हैं तो उसके लिए भी जब आप धन्यवाद देते हैं तब यूनिवर्स आपके कहे शब्दों पर नहीं बल्कि ‘है’ की फीलिंग को जान रही होती है। यह कुदरत के देने का रहस्य है। यही ग्लोरी ऑफ थैंकफुलनेस यानी कृतज्ञता की महिमा है।
इसे समझकर यदि हम कृतज्ञता के साथ कुदरत संग तालमेल बिठाते हैं तो जीवन की धारा हमें खुशी और संतोष की ओर बड़ी सरलता से ले जाती है।
Duration - 5h 6m.
Author - Sirshree.
Narrator - Leena Bhandari.
Published Date - Friday, 10 January 2025.
Location:
United States
Description:
The Glory of Thankfulness जहाँ कृतज्ञता होती है, वहाँ प्रकृति की महिमा खिल उठती है… किसी के प्रति आभार प्रकट करने के लिए हम धन्यवाद, शुक्रिया, थैंक्यू, आभार आदि शब्दों का प्रयोग करते हैं। दरअसल ‘धन्यवाद’ यह शब्द एक छोटी सी चुंबकीय प्रार्थना है। जिसे अलग-अलग भाषाओं में, अलग-अलग तरह से कहा जाता है। धन्यवाद कहते ही कुदरत की सुंदरता और उसकी शक्तियाँ हमारे आस-पास जीवित हो जाती हैं। हमें कुदरत के अद्भुत चमत्कारों को देखने का अवसर मिलता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या कुदरत को सभी भाषाओं का ज्ञान है? अगर वह भाषा ही सुन रही होती तो क्या होता? कैसे सभी का हिसाब-किताब रखती? मगर ऐसा नहीं है! कुदरत भाषा नहीं, भाव तरंग समझती है। कुदरत में आपके द्वारा कहे गए शब्द नहीं, आपकी भावना पहुँचती है और वह कार्य करती है। जैसे- जब आपको कोई चीज़ जो आप चाहते थे, वह मिल जाती है तो उसके लिए आप धन्यवाद कहते हैं यानी आप ‘है’ की फीलिंग में हैं। इसी प्रकार जो चीज़ आपके पास नहीं है और आप उसे पाना चाहते हैं तो उसके लिए भी जब आप धन्यवाद देते हैं तब यूनिवर्स आपके कहे शब्दों पर नहीं बल्कि ‘है’ की फीलिंग को जान रही होती है। यह कुदरत के देने का रहस्य है। यही ग्लोरी ऑफ थैंकफुलनेस यानी कृतज्ञता की महिमा है। इसे समझकर यदि हम कृतज्ञता के साथ कुदरत संग तालमेल बिठाते हैं तो जीवन की धारा हमें खुशी और संतोष की ओर बड़ी सरलता से ले जाती है। Duration - 5h 6m. Author - Sirshree. Narrator - Leena Bhandari. Published Date - Friday, 10 January 2025.
Language:
Hindi
Opening Credits
Duration:00:01:01
02 purvsandesh
Duration:00:05:59
03 feel thankful
Duration:00:10:38
04 adhyay 1
Duration:00:10:37
05 adhyay 2
Duration:00:08:37
06 adhyay 3
Duration:00:09:18
07 adhyay 4
Duration:00:08:01
08 adhyay 5
Duration:00:09:41
09 adhyay 6
Duration:00:10:33
10 adhyay 7
Duration:00:08:38
11 adhyay 8
Duration:00:08:34
12 adhyay 9
Duration:00:12:09
13 adhyay 10
Duration:00:08:51
14 adhyay 11
Duration:00:08:53
15 adhyay 12
Duration:00:09:45
16 adhyay 13
Duration:00:12:03
17 adhyay 14
Duration:00:07:58
18 adhyay 15
Duration:00:05:58
19 adhyay 16
Duration:00:09:59
20 adhyay 17
Duration:00:11:29
21 adhyay 18
Duration:00:13:39
22 adhyay 19
Duration:00:09:57
23 adhyay 20
Duration:00:09:22
24 adhyay 21
Duration:00:12:40
25 adhyay 22
Duration:00:14:21
26 adhyay 23
Duration:00:08:17
27 adhyay 24
Duration:00:09:37
28 adhyay 25
Duration:00:02:47
29 adhyay 26
Duration:00:06:59
30 adhyay 27
Duration:00:06:35
31 adhyay 28
Duration:00:12:15
32 adhyay 29
Duration:00:07:25
33 dhanyawad patra
Duration:00:04:08
34 adhyay 30
Duration:00:03:14
35 sirshree alpa parichay
Duration:00:02:16
36 tejgyan foundation parichay
Duration:00:02:00
37 mahasmani param gyan shivir parichay labh
Duration:00:02:00
Ending Credits
Duration:00:00:01