निराशा में आशा की किरणआशा की उड़ान कितनी ऊँची हो सकती है, इसकी कल्पना करें। यह उड़ान इंसान में ही संभव है क्योंकि वही एक ऐसा प्राणी है, जो आशा-निराशा में गोते लगाते रहता है।जब जीवन में निराशा जुड़ जाती है तो यही उड़ान नीचे की ओर गिरने लगती है। इंसान स्वयं...